गणनाथ से हटकर मन कहीं जाता नहीं है,

गणनाथ से हटकर मन कहीं जाता नहीं है,सच प…
गणनाथ से हटकर मन कहीं जाता नहीं है,सच प…
माई म्हारो सुपनामा,परनेया रे दीनानाथ छप…
दोहा: अपने हरि को हम दूंढ लीओ, जिन लाल …
अ र र, तेरे खेल निराले,बाबोसा चुरू वाले…
मैं क्या जानू मेरे रघुराई, तू जाने मेरी…
आरती कीजे हनुमान लला कीदुष्ट दलन रघुनाथ…