सर्व सौभाग्य शालनी, सर्व कला प्रवीण,
त्रिलोकी के नाथ मधुप, श्री राधा के अधीन,
तेरी बिगड़ी बना देगी, किशोरी करुणामयी राधे,
कष्ट तेरे मिटा देगी, किशोरी करुणामई राधे,
प्रेम भक्ति रसिक नगरी, तू बरसाने जा इक वारी,
रंग अपना चढ़ा देगी … किशोरी करुणामयी राधे
कृपालु है दयालु है, कृपामयी दयामयी राधे,
तुम्हें अपना बना लेगी … किशोरी करुणामयी राधे
‘मधुप’ हरि राधा से मिलने, आते हर रोज बरसाने,
तुम्हें हरी से मिला देगी … किशोरी करुणामयी मेरी राधे