टूटी लकीरे भी हो हाथो में तो सवर ती है तकदीर खाटू धाम जाने से,
डगमग नैया ढोले माझी बन कर श्याम चले,
भव से पार हो नैया जो बाबा श्याम खावैइया हो
बिगड़ी हो किस्मत भी कभी
तो बन ती है तकदीर
फागुन मेले में जाने से
सवर ती है तकदीर खाटू धाम जाने से,
हारे का तू सहारा है तेरे बिना कौन हमारा है
हर संकट से बाबा तूने हम भगतो को उभारा है
महिमा एसी नाम की तो बनती है तकदीर
ग्यारस पे खाटू जाने से
खाटू श्याम भजन