दर्शन नु दिल तरस रह ऐ,
मछली वांगु तड़फ रहा ऐ
नीर छमा छम बरस रहा ऐ प्रेम घटा चड आइयाँ,
चिठियाँ प्रेम दियाँ लिख सतिगुरु वल पाइयां,
करदे मन दे दूर हनेरे बख्श देई सब अवगुण मेरे,
किते ने मैं पाप वथेरे अरजा आन सुनाईयाँ,
चिठियाँ प्रेम दियाँ ….
ममता ने मन मैला करियां माया ने हंकार है भरेया,
नाम बिना ना जावे भरेया चाबियाँ आप ग्वाइया,
चिठियाँ प्रेम दियाँ
सतिगुरु मेरी नाव पुरानी भव सागर दा गहरा पानी,
लंगियाँ न जावे बिन पानी बेड़ियाँ आप डूबाइया,
चिठियाँ प्रेम दियाँ ……
ढल गई उमर जवानी सारी दुर्बल हो गई जान प्यारी,
अज कल करदियाँ उम्र गुजारी कितियाँ काल च्दाइया,
चिठियाँ प्रेम दियाँ …..